सारण जिले के इस मंदिर में रुद्राभिषेक में लीन हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस. सिद्धार्थ, बेटियों के नेत्र चिकित्सा-प्रशिक्षण की सराहना भी की
श्रद्धा, सेवा व शिक्षा का संगम बना मस्तीचक का गायत्री शक्ति पीठ, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने की आध्यात्मिक साधना
रिपोर्ट: प्रो. अजीत कुमार सिंह सेंगर, अम्बालिका न्यूज ब्यूरो,
छपरा (सारण)। जिले के मस्तीचक स्थित गायत्री शक्तिपीठ रविवार को आध्यात्मिक ऊर्जा व समाज सेवा के अद्भुत संगम का केंद्र बन गया। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ अपने परिवार संग यहां पहुंचे और बाबा पं. रमेश चंद्र शुक्ल की पुण्यतिथि पर आयोजित नौ दिवसीय शिष्य शिरोमणि संत महोत्सव के दूसरे दिन विधिवत रुद्राभिषेक में भाग लिया।

डॉ. सिद्धार्थ के साथ उनकी पत्नी डॉ. एन. विजयालक्ष्मी, पुत्री तथा अन्य परिजन भी उपस्थित थे। शक्तिपीठ परिसर में वे लगभग चार घंटे रहे और इस दौरान अखंड ज्योति आई हॉस्पिटल की गतिविधियों का भी निरीक्षण किया।

रुद्राभिषेक कार्यक्रम के दौरान श्रीराम शर्मा आचार्य, मां गायत्री और नवप्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग की पूजा वैदिक विधि-विधान से सम्पन्न हुई। यह अनुष्ठान काशी से आए आचार्य मनीष तिवारी के वैदिक मंत्रोच्चार एवं पुजारी विकास शर्मा की देखरेख में संपन्न हुआ।


डॉ. सिद्धार्थ ने गायत्री शक्तिपीठ की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह केवल आध्यात्मिक केंद्र नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने वाला प्रेरणास्रोत बन गया है। उन्होंने विशेष रूप से बेटियों को नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में दिए जा रहे प्रशिक्षण की सराहना की और कहा कि अन्य संस्थानों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।


इस अवसर पर सारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी निशांत किरण, डीईओ कार्यालय के अमित कुमार, अस्पताल के वरीय प्रबंधक अमित कुमार, विकास सिंह, जितेन्द्र कुमार सिंह उर्फ चिटू सिंह, ओमप्रकाश सिंह तथा मुख्य ट्रस्टी मृत्युंजय कुमार उर्फ मुन्ना तिवारी समेत कई गणमान्य जन उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि यह आयोजन श्रद्धा, सेवा व शिक्षा के त्रिवेणी संगम का प्रतीक बनकर क्षेत्रवासियों ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।





