सारण: निकटतम प्रतिद्वंद्वी मुन्ना सिंह को 473 वोटों से हराकर बीरेन्द्र सिंह कौरुधौरु पंचायत से लगातार चौथी बार पैक्स अध्यक्ष पद पर हुए निर्वाचित, मना जीत का जश्न
रिपोर्ट: वीरेश सिंह, अम्बालिका न्यूज़,
मांझी (सारण): शुक्रवार को सम्पन्न प्रखण्ड के कौरुधौरु पैक्स के अध्यक्ष पद के चुनाव में निवर्तमान पैक्स अध्यक्ष ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मिथिलेश कुमार उर्फ मुन्ना सिंह को 473 वोटों से हराकर लगातार चौथी बार बम्पर जीत दर्ज की। शुक्रवार की शाम सात बजे तक चले मतदान के बाद मतगणना रात भर चली और समर्थक कड़ाके की ठंड को ठेंगा दिखाकर पूरी रात प्रखण्ड मुख्यालय पर जमे रहे। शनिवार को सुबह छह बजे तक चली मतगणना की समाप्ति के बाद बीडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी रंजीत सिंह ने श्री सिंह को जीत का प्रमाण पत्र प्रदान किया। सम्पन्न चुनाव में विजेता निवर्तमान पैक्स अध्यक्ष बीरेन्द्र सिंह को कुल 889 मत तथा उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मिथिलेश कुमार उर्फ मुन्ना सिंह को 313 मत मिले। सम्पन्न चुनाव में श्री सिंह द्वारा प्रस्तावित सदस्य पद के सभी प्रत्यासी भी चुनाव जीतने में सफल रहे। जीत का प्रमाण पत्र मिलने के बाद उत्साहित कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ जिंदाबाद का नारा लगाया तथा प्रखण्ड मुख्यालय स्थित बजरंगबली की पूजा अर्चना करने के बाद श्री सिंह को फूलमाला पहनाकर गाजे बाजे के साथ जुलूस की शक्ल में उन्हें उनके घर धनी छपरा तक ले गए। चुनाव में जीत से उत्साहित श्री सिंह ने कहा कि पैक्स से जुड़े मतदाताओं तथा किसानों के सम्मान एवम स्वाभिमान के संघर्ष को अंजाम तक पहुंचाने के साथ साथ उन्हें सभी सरकारी सुविधाएँ उपलब्ध कराने का वे हरसम्भव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि उक्त चुनाव में उनके खिलाफ कौरु धौरु पँचायत के वर्तमान मुखियापति के साथ साथ दो दो भूतपूर्व मुखिया एवम वर्तमान तथा भूतपूर्व सरपँच ने भी जबरदस्त तरीके से षड्यंत्र किया। यहाँ तक कि उक्त जन प्रतिनिधियों ने येन केन प्रकारेण कौरुधौरु पैक्स का चुनाव स्थगित कराकर उनको हतोत्साहित करने तक का भी प्रयास किया। इसके बावजूद पंचायत क्षेत्र के मतदाताओं ने उनके समर्थन में जबरदस्त तरीके से मतदान करके उन सभी विरोधियों को बेनकाब कर दिया।
शुक्रवार को सम्पन्न पैक्स अध्यक्ष पद के चुनाव में जबरदस्त तरीके से जीत दर्ज कराने वाले मांझी के धनी छपरा निवासी बीरेन्द्र कुमार सिंह के पिता स्व भुवनेश्वर सिंह एकीकृत कौरुधौरु पंचायत के सरपँच पद पर 1972 से लगातार दो बार चुनाव जीतने में सफल रहे थे तथा सरपँच पद पर आसीन रहते ही वर्ष 1987 में उनका निधन हो गया था।