नहाय-खाय के साथ तीन दिवसीय जिउतिया व्रत शुरू, जानें व्रत का शुभ मुहूर्त व पूजन की विधि
रिपोर्ट: रुचि सिंह सेंगर, अम्बालिका न्यूज ब्यूरो,
पटना/छपरा/एकमा (सारण): बिहार, यूपी,, झारखंड व पश्चिम बंगाल में शनिवार को विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर हवन-पूजन के बीच पुत्रवती माताओं ने जिउतिया व्रत की शुरुआत नहाय-खाय के साथ किया। उसके बाद 18 सितंबर को व्रत रखा जाएगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 17 सितंबर को दोपहर 2.14 बजे अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी और 18 सितंबर दोपहर 4.32 पर अष्टमी तिथि समाप्त हो जाएगी। इसके बाद जिउतिया का व्रत 18 सितंबर 2022 को रखा जाएगा। व्रत के समापन के बाद इसका पारण 19 सितंबर 2022 को किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार 19 सितंबर की सुबह 6.10 पर सूर्योदय के बाद व्रत का पारण किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि जिउतिया को जितिया अथवा जीवित पुत्रिका व्रत भी कहा जाता है। राजधानी पटना सहित छपरा, सोनपुर, दिघवारा, एकमा, मांझी, रसूलपुर, जलालपुर, मशरक, मढौरा, लहलादपुर, गरखा, तरैया, पानापुर आदि क्षेत्रों में जिउतिया व्रत के लिए माताएं नहाय-खाय करने के साथ ही पूजन की तैयारी शुरू कर दी हैं।
अब सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि जिउतिया का यह व्रत आखिर इतना क्यों महत्वपूर्ण हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिनको लंबे समय से संतान नहीं हो रही है, उनके लिए जितिया का व्रत को तप के समान माना गया है। वहीं पुत्रवती महिलाओं की संतान की आयु बढ़ाने और उन्हें हर तरह की सुख-समृद्धि उपलबध कराने की कामना वाली भावना के साथ महिलाएं यह व्रत करती हैं। यह निर्जला व्रत होता है। इस व्रत में पहले दिन नहाय-खाय की परंपरा होती है।
जिउतिया व्रत का विधि-विधान:
इस बात की जानकारी पहले ही दी जा चुकी है कि माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और उसकी रक्षा व सफलता के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। तीन दिन तक चलने वाले इस उपवास में महिलाएं जल तक ग्रहण नहीं करती हैं। ऐसी मान्यताएं हैं कि जो लोग संतान की कामना करते हैं उन्हें भी यह व्रत करने से जल्दी संतान प्राप्त होती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार साल 2022 में जिउतिया व्रत अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है। इस बार यह उपवास 18 सितंबर की रात से शुरू होगा और 19 सितंबर तक चलेगा। व्रत का पारण 19 सितंबर को ही किया जाएगा।