शोषण विहीन समाज के पक्षधर थे सफदर हाशमी, उनके सपने आज भी अधूरे: डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह
रिपोर्ट: वीरेंद्र कुमार यादव/के के सिंह सेंगर, अम्बालिका न्यूज़ ब्यूरो,
छपरा (सारण): प्रगतिशील साहित्यक एवं सांस्कृतिक संगठन “विकल्प” के बैनर तले मांझी प्रखंड के बलोखरा स्थित रमाशंकर गिरि सभागार में प्रसिद्ध रंगकर्मी व नाटककार, साहित्यकार प्रो. सफदर हाशमी का शहादत दिवस सद्भावना दिवस के रूप में मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सफदर हाशमी के तैलचित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई।
इस अवसर पर “विकल्प” से जुडे रंग कर्मियों ने शहीद गान गाकर सफदर को समर्पित किया।
शहादत दिवस समारोह की अध्यक्षता सारण जिला “विकल्प “के जिला उपाध्यक्ष शिवनाथ पुरी ने की। वहीं संचालन शिक्षक नेता उदय शंकर “गुड्डू” ने किया।
मुख्य वक्ता के रूप में शहादत दिवस समारोह को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध साहित्यकार व लेखक डा. राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी जिन मूल्यों को लेकर उन्होंने शहादत दी और जो शोषण विहीन समाज की कल्पना की थी, वह आज भी अधूरा है। वहीं विशिष्ट अतिथि के रुप में राजेन्द्र महाविद्यालय के प्रोफेसर विधानचंद्र भारती ने विस्तार से सफदर के मानव मूल्यों की चर्चा की।
इस मौके पर सफदर हाशमी शहादत समारोह को शहीद स्मारक समिति के सचिव सुमन कुमार, किसान नेता अरुण कुमार,कन्हैया यादव,चन्द्रमा राय,धनलाल भारती, बलिराम पुरी, गजेंद्र दास, डा दिलीप प्रसाद, ललन राय, शंभूनाथ गिरि, प्रो यदुवीर भारती, गजेंद्र दास आदि ने संबोधित किया।वहीं पूरे कार्यक्रम के बीच-बीच में “विकल्प “से जुडे सांस्कृतिक कलाकारो ने जनगीतो की प्रस्तुति देकर सफदर हाशमी के अधूरे सपने को पूरा करने का संकल्प दोहराया। धन्यवाद ज्ञापन राजद नेता अभय गोस्वामी ने किया।