Homeएकमासारण जिले भर में पारंपरिक भक्तिभाव से मना अनंत चतुर्दशी व्रत

सारण जिले भर में पारंपरिक भक्तिभाव से मना अनंत चतुर्दशी व्रत

सारण जिले भर में पारंपरिक भक्तिभाव से मना अनंत चतुर्दशी व्रत

रिपोर्ट: प्रो अजीत कुमार सिंह सेंगर/संजीत कुमार अकेला, अम्बालिका न्यूज़ ब्यूरो,
छपरा/एकमा (सारण)। सारण जिले के एकमा, मांझी, दिघवारा, लहलादपुर, जलालपुर, तरैया, अमनौर, सोनपुर, मशररक सहित नगर पंचायत एकमा बाजार व प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में गुरुवार को अनंत चतुर्दशी पर्व पारंपरिक श्रद्धा, उत्साह व भक्तिभाव के साथ मनाया गया। अनंत चतुर्दशी के अवसर पर नगर मुख्यालय के शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने पारंपरिक श्रद्धा व आस्था के साथ पूजा करके अनंत चतुर्दशी व्रत की कथा का श्रवण किया। हंसराजपुर, राजापुर रसूलपुर, मोहब्बत नाथ के मठिया, असहनी, देवपुरा, चैनवा, नवादा, आमडाढ़ी कर्णपुरा, गंजपर, केशरी, भरहोपुर, रामपुर बिंदालाल, सेंदुवार, परसागढ़, हरपुर, नौतन, खानपुर, लालपुर, नचाप, भजौना, महुंई, सरयूपार आदि ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों व घरों में सामूहिक रूप से अनंत चतुर्दशी व्रत की कथा का श्रवण कर पारंपरिक विधि-विधान पूर्वक व्रत का अनुष्ठान किया गया।


अनंत चतुर्दशी पर्व व कथा की महता बताते हुए नचाप गांव निवासी पंडित कृष्णानंद तिवारी, कुंदन तिवारी, विभूति नारायण तिवारी व एकमा शिव मंदिर के पुजारी पंडित नागेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह व्रत सच्चिदानंद, अविनाशी अनंत ईश्वर से जोड़ने वाला व्रत है। इसमें दिन भर व्रत रखने के बाद 14 गांठों वाली अनंत धागे की पूजा-अर्चना कर भुजा में बांधे जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर पुरुषों के दाहिने व महिलाओं के बाएं भुजा में अनंत धागा बांधते हैं। अनंत धागे की 14 गांठें, 14 लोक या 14 भुवन का परिचायक होता है। जो हमें बताता है कि जीवात्मा 14 लोकों में जहां कहीं भी होती है। वह अनंत ईश्वर से जुड़ी हुई होती है।

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