40-50 सालों से बिहार जिस रास्ते पर चल रहा, उससे बिहार का विकास संभव नहीं, बिहार के लोगों को मिलकर नया विकल्प बनना होगा: पीके
रिपोर्ट: प्रो.अजीत कुमार सिंह सेंगर/प्रशांत पांडेय/संजीत कुमार, अम्बालिका न्यूज़ ब्यूरो,
छपरा/बनियापुर (सारण): जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े जनप्रतिनियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने बनियापुर इलाके में कहा कि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि बिहार आज देश का सबसे ज्यादा गरीब, पिछड़ा, आशिक्षत और सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाला राज्य है। अगर हम ये मान लेते हैं कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कुछ काम किया होगा। लालू जी ने भी अपने राज में सामाजिक न्याय का काम किया होगा। जैसा लालू जी दावा करते हैं कि उन्होंने गरीबों और वंचितों को आवाज दी है, मान लेते हैं नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार ने भी कुछ विकास कर दिया है। अगर इन सब बातों को मान लेते हैं कि ये सब बात ठीक है, लेकिन इस बात को भी माना जाना चाहिए कि बिहार आज भी सबसे गरीब और सबसे पिछड़ा राज्य है। कोई भी आम आदमी इस बात को बता सकता है कि पिछले 40-50 सालों से बिहार जिस रास्ते पर चल रहा है उससे बिहार को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।पीके ने कहा कि यदि बिहार को आगे बढ़ाना है, बिहार का विकास करना है तो उसके लिए जरूरी है कोई दूसरा रास्ता बनाया जाए। जन सुराज अभियान के माध्यम से बिहार के सभी सही लोगों को एक मंच पर लाकर बिहार में एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
- इस अवसर पर एमएलसी ई सच्चिदानंद राय के अलावा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि काफी संख्या में मौजूद थे।