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सिवान जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई का हुआ आयोजन
गर्भावस्था के दौरान आहार में विविधता की होती हैं जरूरत: डीपीओ
गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल को सुरक्षित करना ही उसका मुख्य उद्देश्य: सीडीपीओ
स्थानीय प्रखंड में गोद भराई कार्यक्रम का हुआ आयोजन:
रिपोर्ट: अम्बालिका न्यूज़,
सिवान: राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केद्रों पर संबंधित आंगनबाड़ी केंद्रों की
सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन नगर पंचायत बसंतपुर के नगौली मियां टोली के अंतर्गत आने वाले केंद्र कोड संख्या – 37, 96 और 112 पर महिला पर्यवेक्षिका स्वेता कुमारी, पिंकी कुमारी और रानी सोनी के देख रेख में रेणु देवी, रेणु कुमारी, खुशबू वर्मा और अंजू कुमारी के द्वारा किया गया। इस संबंध में आईसीडीएस की डीपीओ तरणी कुमारी ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान आहार में विविधता की जरूरत होती है। इसलिए अपने आहारों में ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा की अत्यधिक मात्रा उपलब्ध हो। हालांकि इसके लिए प्रत्येक माह के सात तारीख को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोद भराई की रस्म का आयोजन किया जाता है। गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार लेने से न सिर्फ महिलाएं स्वस्थ रहती हैं, बल्कि गर्भस्थ बच्चे का भी सर्वांगीण विकास होता है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि 6 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों को मां का दूध पिलाना चाहिए। इससे उनका शारीरिक विकास होने के साथ ही उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि भी होती है।
बसंतपुर प्रखंड की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मंजू कुमारी ने बताया कि शनिवार को आयोजित गोदभराई कार्यक्रम के दौरान स्थानीय प्रखंड की महिला पर्यवेक्षिकाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका व सहायिकाओं द्वारा ना सिर्फ गोदभराई के रस्म को पूरा किया गया है, बल्कि गर्भवती महिलाओं को इसके उद्देश्य को समझाया भी गया है। ताकि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल की जरूरत कितनी होती है। वहीं विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभुकों को बताया गया कि गोद भराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के दिनों में बेहतर पोषण की जरूरत के बारे में गर्भवती महिलाओं को अवगत कराना है। माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए।
गोदभराई कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पोषण अभियान के प्रखंड समन्वयक वरुण रस्तोगी ने बताया कि स्थानीय प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मंजू कुमारी एवं सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं की देखरेख में गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण काल के दौरान अपने- क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, एएनएम व महिला चिकित्सकों के संपर्क में रहने के लिए आवश्यकतानुसार सलाह दी गई है। क्योंकि गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना होता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं के शरीर में बहुत ज़्यादा बदलाव होते रहता है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं में गुणात्मक सुधार करते हुए स्थानीय पोषण को बढ़ावा देना एवं पोषण अभियान को सामुदायिक स्तर पर जन- जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर क्षेत्रीय पोषण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।