सारण: नियमित बहाली की मांग को लेकर आयुष चिकित्सकों ने काला बिल्ला लगाकर जिले भर में दी अपनी सेवाएं
रिपोर्ट: अम्बालिका न्यूज ब्यूरो,
छपरा (सारण)। नियमित बहाली की मांग को लेकर सारण जिले भर के सरकारी अस्पतालों में तैनात आयुष चिकित्सकों ने सोमवार को अपने पूर्व घोषित चरणवद्ध आंदोलन के तहत काला बिल्ला लगाकर अपनी सेवाएं दी।
इसकी जानकारी देते हुए आमसा के जिला उपाध्यक्ष डॉ राजीव रंजन सिंह व आसब के जिलाध्यक्ष डॉ अमित कुमार तिवारी ने बताया कि आमसा व आसव संघो के राज्य स्तरीय नेतृत्व की दिशा निर्देश में 3270 आयुष चिकित्सकों की नियमित बहाली में हो रहे विलम्ब के कारण चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने के निर्णय का समर्थन किया गया है।
बीते दिनों बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर एक निर्णय के तहत सदर अस्पताल छपरा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एकमा, पीएचसी मांझी, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मासूमगंज सहित जिले भर के सरकारी अस्पतालों में सोमवार को काला बिल्ला लगाकर आयुष चिकित्सकों ने कार्य कार्य किया।
इस आंदोलन में बैठक में डॉ अजय कुमार सिंह, उपसचिव आमसा, डॉ अमित कुमार तिवारी- अध्यक्ष आसब, डॉ अमरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ विनोद कुमार सिंह, डॉ तरुण कुमार, डॉ संतोष कुमार गुप्ता, डॉ मनोज कुमार सिंह, डॉ संतोष कुमार सिंह, डॉ अहमद अली, डॉ विभा रानी, डॉ कुमारी ललीता मिश्रा, डॉ धनन्जय कुमार सिंह, डॉ सिद्धार्थ शंकर पाण्डेय, डॉ जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव सहित आमसा एवं असन संगठनों के सभी पदाधिकारी शामिल थे।
यह है आगामी आंदोलन का कार्यक्रम:
बताया गया है कि आगामी 26 सितंबर को कलम बंद आंदोलन किया जाएगा। तत्पश्चात 8 अक्टूबर को कैंडिल मार्च निकाला जाएगा। यदि इसके बाद भी सरकार आयुष चिकित्सकों की नियमति बहाली नहीं करती है, तो बाध्य होकर पूरे बिहार के समस्त आयुष चिकित्सक 14 अक्टूबर को बिहार तकनीकी सेवा आयोग का घेराव करेंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। वहीं इस पूरे कार्यक्रम में एकमा, मांझी सहित सारण जिले के समस्त आयुष चिकित्सकों की अग्रणी भागीदारी रहेगी।
इसकी जानकारी देते हुए डॉ अमित कुमार तिवारी ने कहा कि आयुष चिकित्सकों का कहना है कि बीते 12 वर्षों से बिहार राज्य के समस्त अतिरिक्त प्राथमिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों, यथा पोलियो, नियमित टीकाकरण, कुष्ठ नियंत्रण, टीबी नियंत्रण, एचआईवी एड्स, मलेरिया, फाइलेरिया, गैर संचारी रोग, परिवार नियोजन, आंगनबाड़ी एवम विद्यालयों के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं बाढ़ तथा कोविड जैसी महामारियों में राज्य के आयुष चिकित्सकों ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।