उपचार के दौरान अमितेश कुमार सिंह की मौत, शव मुबारकपुर गांव पहुंचते ही मचा कोहराम, परिजनों की चीख-पुकार से माहौल हुआ गमगीन
रिपोर्ट: नितेश कुमार सिंह, अम्बालिका न्यूज़ ब्यूरो,
मुबारकपुर/मांझी (सारण): पोस्टमार्टम के बाद मृतक अमितेश कुमार सिंह का शव मुबारकपुर गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। इस दौरान परिजनों के रुदन-क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया। पिटाई से मौत के शिकार हुए अमितेश का शव गांव पहुंचने पर आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ गांव में तैनात पुलिस को वापस लौट जाने की बात करने लगे।
हालांकि सदर एसडीपीओ एमपी सिंह के नेतृत्व में पांच घण्टे तक पुलिस मृतक के दरवाजे पर जमी रही। परिजन पहले आरोपी मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव को गिरफ्तार करने तथा एसपी को बुलाने की मांग कर रहे थे। हालांकि, सदर एसडीओ अरुण कुमार के मौके पर पहुंचकर समझाने बुझाने के बाद परिजन शांत हुए। मृतक युवक के परिजन वरीय पदाधिकारियों से मामले का अनुसंधान सदर एसडीपीओ से कराने, थाना परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कराने तथा दर्ज प्राथमिकी में मुखिया आरती देवी का नाम शामिल किये जाने की मांग कर रहे थे।
वहीं मृतक के पिता जयप्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि मुखिया प्रतिनिधि तथा समर्थक कमरे में बन्द कर मारते-पीटते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
बताते चलें कि गुरुवार की शाम स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव के मुर्गा फार्म पर कथित रूप से फायरिंग करने तथा बाद में मुखिया समर्थकों द्वारा कमरे में बन्द कर पिटाई किये जाने के कारण मुबारकपुर निवासी अमितेश कुमार सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसके अलावा बुरी तरह जख्मी राहुल कुमार सिंह तथा आलोक कुमार सिंह अभी भी पटना में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं।
इधर मृतक के पिता के बयान पर मांझी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई हैं। दर्ज प्राथमिकी में पांच नामजद तथा 50 अज्ञात को आरोपित किया गया है। दर्ज प्राथमिकी में यह कहा गया है कि मुखिया पति विजय यादव द्वारा एक साजिश के तहत सिधरिया टोला स्थित अपने मुर्गा फार्म पर बुलाकर तीनों युवकों की बेरहमी से पिटाई कराई गई। जिसमें अमितेश कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक के परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्री भी है। उधर पदाधिकारियों ने घटना स्थल पर भी पहुंचकर लोगों से पूछताछ की। मृतक के दरवाजे पर गांव के लोगों के अलावा पूर्व उप प्रमुख रामकृष्ण सिंह, पूर्व मुखिया विजय सिंह, सुरेन्द्र कुमार सिंह तथा जदयू नेता निरंजन सिंह आदि भी परिजनों को समझाने बुझाने में जुटे रहे।